swami vivekananda : एक महान विचारक और प्रेरणा स्रोत

swami vivekananda:स्वामी विवेकानंद, भारतीय संत, योगी और समाज सुधारक, भारतीय समाज में जागरूकता फैलाने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जीवन संघर्षों और प्रेरणाओं से भरा हुआ था। स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल किया और वे आज भी लोगों के लिए एक आदर्श हैं। उनके विचारों, शिक्षाओं और कार्यों ने न केवल भारतीय समाज, बल्कि पूरे विश्व में एक नई दिशा दी। इस लेख में हम स्वामी विवेकानंद के जीवन, उनके कार्यों, और उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानेंगे।

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swami vivekananda birthday : स्वामी विवेकानंद का जन्म और परिवार

स्वामी विवेकानंद का जन्म १२ जनवरी १८६३ को हुआ था। उनका असली नाम नरेंद्रनाथ था। उनका जन्म मकर संक्रांति के दिन हुआ, जो भारतीय परंपरा में बहुत खास होता है। स्वामी विवेकानंद के पिता, विश्वनाथ दत्त, कलकत्ता हाई कोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे, और उनकी माँ, भुवनेश्वरी देवी, एक धार्मिक और अध्यात्मिक महिला थीं। स्वामी विवेकानंद का परिवार शिक्षित था और उन्होंने अपनी जिंदगी में समाज की सेवा करने की हमेशा प्रेरणा दी। स्वामी विवेकानंद की माँ ने भगवान शिव से यह आशीर्वाद प्राप्त किया था कि उनका बेटा एक दिन महान कार्य करेगा और समाज में बदलाव लाएगा।

स्वामी विवेकानंद बचपन से ही बहुत जिज्ञासु थे। उन्हें हमेशा कुछ नया सीखने का शौक था। जब वे छोटे थे, तब उन्होंने समाज की अलग-अलग परंपराओं, धर्मों और संस्कृतियों के बारे में सवाल उठाए। यही जिज्ञासा उन्हें जीवन के उच्चतम सत्य की ओर ले गई।

नरेंद्रनाथ का धार्मिक जीवन

स्वामी विवेकानंद ने हमेशा अपने जीवन में भगवान की खोज की थी। बचपन में ही उन्होंने कई धार्मिक और दार्शनिक सवालों के जवाब ढूंढने शुरू कर दिए थे। एक दिन, उन्होंने अपने पिता के ऑफिस में एक पोस्ट देखा, जिसमें हिंदू और मुस्लिम के लिए अलग-अलग बॉक्स थे। इस भेदभाव को देखकर उन्होंने महसूस किया कि यह समाज की गलत धारा है। इससे उनके मन में समाज में समानता और भाईचारे के लिए बहुत बड़ी चिंता उठी।

नरेंद्रनाथ को भगवान से मिलने की एक गहरी इच्छा थी। वह चाहते थे कि कोई ऐसा व्यक्ति मिले, जो उन्हें वास्तविक दिव्य अनुभव करा सके। यही कारण था कि उन्होंने रामकृष्ण परमहंस से मुलाकात की। रामकृष्ण ने उन्हें सही मार्ग दिखाया और उनके जीवन को एक नई दिशा दी। रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें समझाया कि भगवान हर किसी के अंदर है और हमें उसे महसूस करना चाहिए।

स्वामी विवेकानंद का जीवन संघर्ष

स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया। रामकृष्ण परमहंस के साथ बिताए गए समय के बाद, स्वामी विवेकानंद ने अपना जीवन ध्यान, साधना और सेवा में समर्पित कर दिया। उनका विश्वास था कि ध्यान और साधना के माध्यम से ही हम अपने जीवन को सच्चे अर्थों में समझ सकते हैं।

स्वामी विवेकानंद ने समाज की सेवा को ही अपने जीवन का मुख्य उद्देश्य बनाया। उन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त जातिवाद, अंधविश्वास और रूढ़िवादिता के खिलाफ संघर्ष किया। उनका मानना था कि एकता और भाईचारा ही समाज की सच्ची ताकत हैं। उन्होंने भारतीय समाज को जागरूक करने के लिए बहुत सारे प्रवचन दिए। उनका मुख्य उद्देश्य था कि भारतीय समाज को आत्मनिर्भर, सशक्त और एकजुट बनाना।

स्वामी विवेकानंद का अमेरिका यात्रा और “Parliament of Religions” में भाषण

स्वामी विवेकानंद की पहचान पूरी दुनिया में तब बनी, जब उन्होंने १८९३ में शिकागो में आयोजित “Parliament of Religions” में भाग लिया। यह एक ऐतिहासिक घटना थी, क्योंकि यहां विभिन्न धर्मों के महान नेता एक साथ एक मंच पर आए थे। स्वामी विवेकानंद ने अपने पहले ही शब्दों में वहां के श्रोताओं का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा, “ब्रदर्स एंड सिस्टर्स ऑफ अमेरिका”, और इसके बाद उन्होंने अपने भाषण में दुनिया को यह सिखाया कि सभी धर्मों में समानता है और हमें सभी इंसानों का सम्मान करना चाहिए।

स्वामी विवेकानंद का यह भाषण आज भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय संस्कृति और धार्मिकता में एक गहरी शक्ति है, जो पूरी दुनिया को शांति और प्रेम का संदेश देती है। उनका यह भाषण न केवल अमेरिका में बल्कि भारत में भी गूंजा और वे एक अंतरराष्ट्रीय प्रतीक बन गए।

स्वामी विवेकानंद का भारत लौटना और उनके कार्य

स्वामी विवेकानंद की शिकागो यात्रा के बाद, उन्होंने भारत लौटने का निर्णय लिया। स्वामी विवेकानंद ने भारत में गरीबों की सेवा करना शुरू किया। उन्होंने विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया। उनका मानना था कि किसी भी समाज को सुधारने के लिए सबसे जरूरी है वहां के लोगों को शिक्षा देना। स्वामी विवेकानंद ने भारत में कई विद्यालयों की स्थापना की, जिसमें बच्चों को धर्म, विज्ञान, संस्कृत और योग के विषयों में शिक्षा दी जाती थी।

स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति के महत्व को भी लोगों के सामने रखा। उन्होंने भारतीय समाज को अपने इतिहास और संस्कृति पर गर्व करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”

स्वामी विवेकानंद का ध्यान और साधना

स्वामी विवेकानंद का जीवन केवल समाज सुधार के बारे में नहीं था, बल्कि वह एक महान योगी भी थे। उन्होंने ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त किया। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि ध्यान के माध्यम से ही हम अपने अंदर की शक्ति को जागृत कर सकते हैं और जीवन के सर्वोच्च उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं।

स्वामी विवेकानंद का ध्यान और साधना पर विशेष ध्यान था। वह कहते थे कि जब तक हम अपने अंदर की ऊर्जा को महसूस नहीं करते, तब तक हम सच्चे अर्थों में जीवन को नहीं समझ सकते। उनका कहना था कि भगवान हर व्यक्ति के अंदर है, और हमें केवल उसे पहचानने की आवश्यकता है।

स्वामी विवेकानंद का अंतिम समय और उनका योगदान

स्वामी विवेकानंद का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा था। ३९ साल की आयु में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा ले लिया। उनका निधन ३९ साल की आयु में १९०२ में हुआ। लेकिन उनका योगदान कभी खत्म नहीं हुआ। स्वामी विवेकानंद ने जो काम शुरू किया था, वह आज भी जारी है। उनकी शिक्षाएं, उनके विचार, और उनका जीवन हमें प्रेरित करता है। उनके आदर्शों पर चलकर हम अपने जीवन को सफल और सार्थक बना सकते हैं।

निष्कर्ष

स्वामी विवेकानंद का जीवन हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने हमें यह सिखाया कि हमें अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण और महान बनाना चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने हमें यह समझाया कि आत्मनिर्भरता, एकता और समाज सेवा ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। उनके विचार आज भी हमारे लिए मार्गदर्शन का काम करते हैं। हमें उनकी शिक्षाओं को समझना चाहिए और अपने जीवन में लागू करना चाहिए, ताकि हम भी समाज के लिए कुछ योगदान दे सकें।

स्वामी विवेकानंद के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उनका जीवन एक मिसाल है, जो हमें सिखाता है कि हम अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से दुनिया में किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम रवि कुमार सहानी है। मैं पिछले 2 साल से आर्टिकल राइटिंग और ब्लॉगिंग कर रहा हूँ। इसके साथ ही, मैं एक प्रोफेशनल कंटेंट क्रिएटर भी हूँ। मुझे ऑटोमोबाइल्स और मोबाइल फोन्स में गहरी रुचि है, और इसी वजह से मैं इन विषयों पर आर्टिकल लिखना सबसे ज्यादा पसंद करता हूँ। नई-नई जानकारियाँ साझा करना और ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहना मुझे प्रेरित करता है। आप सभी का इस सफर में साथ देने के लिए धन्यवाद!

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